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उत्तराखंड में भी दलितों पर अत्याचार, लेकिन सरकार रोकने को प्रतिबद्ध – अठालवे

अठावले ने दलित सशक्तिकरण, कल्याणकारी योजनाओं और धराली में आपदा राहत पर की बात-

*धराली आपदा पर केंद्र की नज़र, हर संभव मदद दे रही केंद्र सरकार :  रामदास

-प्राकृतिक आपदाएँ मानव नियंत्रण से बाहर, धराली में राहत कार्य जारी:

– देशभर में अब तक 1,650 से अधिक वृद्धाश्रम बनाए जा चुके हैं, जिन पर लगभग ₹321 करोड़ हुए खर्च

-“जिन्होंने हमारे बहनों का सिंदूर मिटाया, हमने उनको ही मिटा दिया” –

-देशभर में 1,700 से अधिक नशा मुक्ति केंद्र, करोड़ों केंद्रीय योजनाओं से हो रहे लाभान्वित:

देहरादून ।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री  रामदास अठावले ने आज देहरादून स्थित बिजापुर गेस्ट हाउस में प्रेस को संबोधित किया। उत्तरकाशी के धराली में हाल के घटनाक्रम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाएँ वर्तमान में मानव नियंत्रण से बाहर हैं, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार, दोनों प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने और स्थिति को शांत करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में दलितों पर अत्याचार की घटनाएँ मौजूद हैं, लेकिन इन्हें कम करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र दोनों प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दलितों में जागरूकता बढ़ने से वह न्याय के लिए अब पुलिस के पास पहुँचने लगे हैं। उन्होंने संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद किया और बताया कि 1989 का अत्याचार अधिनियम, जो 1955 के पीसीआर अधिनियम के बाद आया, ने ऐसे मामलों को गैर-जमानती बनाकर इन घटनाओं में कमी लाई है।

कल्याण और पुनर्वास पहल

श्री अठावले ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान देश के हर ज़िले में लागू किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक देशभर में 1,700 से अधिक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिन पर लगभग ₹345 करोड़ खर्च हुए हैं और जिन्हें अस्पतालों व डॉक्टरों का सहयोग प्राप्त है।

वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए उन्होंने वृद्धाश्रम योजना की जानकारी दी, जिसके तहत हर ज़िले में वृद्धाश्रम स्थापित करने के लिए प्रति आश्रम लगभग ₹16,000 का प्रावधान है। देशभर में अब तक 1,650 से अधिक वृद्धाश्रम बनाए जा चुके हैं, जिन पर लगभग ₹321 करोड़ खर्च हुए हैं।

श्री अठावले ने जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत लगभग ₹15,000 की सहायता दी जाती है, जिसमें 60% धन केंद्र और 40% राज्य सरकारें देती हैं।

सामाजिक-आर्थिक आँकड़े

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 19%, अनुसूचित जनजाति करीब 4% और ओबीसी लगभग 14% है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए अनुदान लगभग ₹1.8 लाख से ₹2.1 लाख तक मिलता है।

प्रमुख योजनाएँ और उपलब्धियाँ

प्रधानमंत्री जन धन योजना (2014): देशभर में लगभग 56 करोड़ खाते खोले गए, जिनमें उत्तराखंड में करीब 39 लाख खाते शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (2015): देशभर में लगभग ₹3.48 लाख करोड़ के ऋण वितरित हुए, जिनमें उत्तराखंड में करीब 34 लाख ऋण दिए गए।

उज्ज्वला योजना: देशभर में 10 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन दिए गए, जिनमें उत्तराखंड में लगभग 5 लाख कनेक्शन शामिल हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण): देशभर में 2 करोड़ 75 लाख से अधिक ग्रामीण घर बनाए गए।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): देशभर में लगभग 91 लाख शहरी घर पूरे हुए, जिनमें उत्तराखंड में करीब 39,000 शामिल हैं।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना: प्रति परिवार ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा; देशभर में लगभग 9 करोड़ 62 लाख लाभार्थी, जिनमें उत्तराखंड के करीब 15 लाख लोग शामिल हैं।

उजाला योजना: देशभर में लगभग 36 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित, जिनमें उत्तराखंड में करीब 56 लाख शामिल हैं।

आर्थिक प्रगति और राष्ट्रीय सुरक्षा

श्री अठावले ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और ऑपरेशन सिंदूर, सर्जिकल स्ट्राइक तथा सीमा पार आतंकवाद पर की गई कड़ी कार्रवाई की सरहाना भी की। हिंदी में उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा: “जिन्होंने हमारे बहनों का सिंदूर मिटाया, हमने उनका ही मिटा दिया।”

केंद्रीय मंत्री  अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है और 15 वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है। वर्ष 2047 तक भारत का लक्ष्य विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना है, जिसमें मेक इन इंडिया के माध्यम से एफडीआई और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि हो रही है।

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