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केदारनाथ से तीर्थयात्रियों को ला रहा हैलीकॉप्टर क्रैश 23 माह की बच्ची सहित सात लोगों की मौत –

हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर सीएम धामी सख्त, एसओपी लागू करने का निर्देश

देहरादून।
केदारनाथ में हैलीकॉप्टर क्रैश होने से सात लोगों की जान चली गई है। इनमें एक 23 माह की बच्ची भी बताईं जा रही है। डीजीसीए व युकाडा ने तत्काल प्रभाव से केदारनाथ में अगले आदेश तक हैली सेवाओं पर रोक लगा दी है।
हादसे में दुख जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने
उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए हेली सेवाओं के संचालन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं।

जिला पर्यटन अधिकारी रूद्रप्रयाग राहुल चौबे ने बताया कि रविवार तड़के केदारनाथ से तीर्थ यात्रियों को लेकर आर्यन एविएशन का हैलीकॉप्टर ने उड़ान भरी लेकिन मौसम खराब होने के चलते गौरीकुंड के पास हैलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई है। इनमें एक 23 माह की बच्ची भी थी।
उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा) के अनुसार हेलीकॉप्टर में सवार यात्री उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के थे। हेलीकॉप्टर में जयपुर के रहने वाले कैप्टन राजबीर सिंह चौहान (पायलट), विक्रम रावत (बीकेटीसी निवासी, रासी ऊखीमठ), विनोद देवी (उत्तर प्रदेश, उम्र 66 वर्ष), तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश, उम्र 19 वर्ष), राजकुमार सुरेश जायसवाल (गुजरात, उम्र 41 वर्ष), श्रद्धा जायसवाल (महाराष्ट्र) और एक बच्ची राशि सवार थी।

मुख्यमंत्री ने दिए तकनीकी विशेषज्ञों की समिति गठित करने के निर्देश –

उत्तराखंड में खासतौर पर केदारनाथ घाटी में हो रहे हैलीकॉप्टर दुर्घटनाओ को देखते हुए मुख्यमंत्री ने
प्रदेश में हेलीकॉप्टर संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाए, जो हेली संचालन के सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा कर एक व्यापक एसओपी तैयार करेगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हेली सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुरूप हों। समिति को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति करेगी सभी मामलों की गहन जांच –

साथ ही, मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति को रविवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना की भी गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति प्रत्येक घटना के कारणों का गहराई से विश्लेषण करेगी और दोषी व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की सिफारिश करेगी। धामी ने कहा कि हेली सेवाएं तीर्थाटन, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इनमें सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रभावित यात्रियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनकी हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुर्घटना के कारणों की त्वरित जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। धामी ने जोर देकर कहा कि हेली सेवाओं का संचालन पूरी तरह सुरक्षित होना चाहिए ताकि तीर्थयात्रियों और आपातकालीन सेवाओं पर निर्भर लोगों का भरोसा बना रहे।

उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाएं चारधाम यात्रा और आपदा प्रबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री के इन निर्देशों से उम्मीद है कि हेली संचालन में सुरक्षा और जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।

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