
शासन के हस्तक्षेप के बाद हुआ मुकदमा दर्ज
एएसपी ने चौकी इंचार्ज को हटाया
देहरादून। उत्तराखण्ड शासन में अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान से दारोगा को कहासुनी भारी पड़ गई।
दरअसल विगत दिनों सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हुए जिसमें भूमि विवाद को लेकर अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान की कुछ व्यक्तियों के साथ कहासुनी होती दिखाई दे रही है। जबकि दूसरे वीडियो में अपर सचिव और दरोगा के बीच मुकदमा न लिखें जाने पर तू-तू मैं-मैं हो रही है।
मामले की जानकारी होने पर पता चला कि झाझरा में राज्य स्तरीय अनुसंधान और वित्त प्रशिक्षण केंद्र है। जिसकी
तार बाड़ काटने व निर्माणाधीन दीवार को गिराने की सूचना पर वित्त अपर सचिव ने जब घटना का जायजा लिया तो मौके पर पहुंचे दारोगा और उनके
बीच काफी गर्म बहस हो गई। मामला सोशल मीडिया में वायरल होने और शासन के संज्ञान लेने के बाद दून पुलिस हरकत में आई। और मामले से जुड़े लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया।
दरअसल, तकनीकी विवि ( झाझरा/सेलाकुई) के पास उत्तराखंड सरकार का राज्य स्तरीय अनुसंधान और वित्त प्रशिक्षण केंद्र है।
इस सरकारी संस्थान से लगे क्षेत्र में कई बीघा जमीन है। इन निजी जमीन मालिकों के पास अपना कोई सीधा रास्ता नहीं है।
निजी भू मालिक इस जुगाड में है कि किसी तरह सरकारी संस्थान से जुड़े रास्ते के इस्तेमाल की अनुमति मिल जाय। इससे उनकी जमीन की किमत की गुना हो जाएगी।
लेकिन संस्थान ने अपना रास्ता बन्द किया हुआ है। तारबाड़ व दीवार होने से निजी भू स्वामियों को उचित रास्ता नहीं मिल पा रहा है। यही विवाद का कारण भी है। विगत दिनों किसी ने संस्थान की तार बाड़ काट दी गयी। और दीवार भी गिरा दी गयी। जिस पर संस्थान की ओर से तहरीर भी दी गयी लेकिन मुकदमा दर्ज नही हुआ।
इसी बात से ख़फ़ा अपर सचिव ने मौके पर पहुंचे दरोगा से बहसबाजी हो गई।
गर्मागर्मी के बाद अपर सचिव ने मुख्य सचिव, डीजीपी सहित शासन में अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया।
शासन में मची हलचल के बाद मुकदमा दर्ज किया गया और संबंधित दरोगा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है।