
बचाव व राहत के लिए सेना, NDRF व SDRF मौके के लिए रवाना।
प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री से फोन पर ली घटना की जानकारी
बचाव व राहत कार्य में केंद्र से हर स्तर पर सहयोग का दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री धामी आंध्र प्रदेश का दौरा रद्द कर देहरादून के लिए लौटे
उत्तरकाशी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार सुबह बादल फटने से खीरगंगा में भयंकर बाढ़ से तबाही मच गई है ।इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत की खबर है, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्र गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुःख जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए केंद्र से हर सहयोग की बात कही।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने इस आपदा में जन-धन की हानि पर संवेदना व्यक्त की है और प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई है।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा राज्य सरकार को हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया।
गृह मंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ एवं अन्य राहत एजेंसियों को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री धामी आंध्र प्रदेश से अपना दौरा स्थगित कर देहरादून के लिए रवाना हो गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं और केंद्र सरकार की ओर से प्रभावित क्षेत्र में तत्काल एवं आवश्यक सहायता सुनिश्चित की जा रही है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि पानी और मलबे का सैलाब धराली बाजार में घुस गया, जिससे कई होटल और दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं। गांव में चीख-पुकार मच गई, और स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आपदा पर गहरा दुख जताते हुए राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना की हर्षिल यूनिट, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें भटवाड़ी के लिए रवाना हो चुकी हैं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से दो एमआई और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत कार्यों के लिए मांगे हैं। इसके अलावा, भारी बारिश ने उत्तरकाशी में यातायात को भी ठप कर दिया है।
रविवार देर रात से जारी बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे का स्यानाचट्टी के पास करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया, जिससे आवागमन पूरी तरह बंद है। ओजरी डाबरकोट और पालीगाड में मलबा और बोल्डर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हैं। गंगोत्री हाईवे भी डबराणी, नाग मंदिर और नेताला के पास मलबे के कारण कई घंटों तक बंद रहा, हालांकि बीआरओ ने इसे आंशिक रूप से खोल दिया है।
एनएच विभाग के ईई मनोज रावत ने बताया कि बारिश के कारण सड़क खोलने में चुनौतियां आ रही हैं, लेकिन छोटे वाहनों के लिए शाम तक रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने चेतावनी दी है कि 10 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है।
बड़कोट तहसील के बनाल पट्टी में भी भारी बारिश के कारण कुड गदेरे में उफान आने से डेढ़ दर्जन बकरियां बह गईं। प्रशासन ने जनता से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। इस आपदा ने उत्तराखंड में मानसून की मार को और गंभीर कर दिया है, जहां हाल ही में नैनीताल और रुद्रप्रयाग जैसे क्षेत्रों में भी भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं सामने आई हैं।