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उत्तराखंड में पंचायत चुनावों में हाईकोर्ट की रोक-

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना की प्रक्रिया गतिमान – सचिव

देहरादून।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह रोक पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की रोटेशन प्रणाली में बरती गई अनियमितताओं के चलते लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन था, तो सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर चुनावी प्रक्रिया शुरू किया जाना न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार को पहले जवाब दाखिल करना था, लेकिन राज्य सरकार ने नामांकन प्रक्रिया तक आरंभ कर दी। कोर्ट ने इसे अनुचित करार देते हुए चुनाव प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार से विस्तृत जवाब भी मांगा गया है।

इसके साथ ही उत्तराखंड के 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में चल रही पंचायत चुनाव प्रक्रिया ठप हो गई है। सोमवार से नामांकन पत्रों की बिक्री भी शुरू होनी थी, जो अब रोक दी गई है।

सरकार की ओर से आया स्पष्टीकरण –

कोर्ट के आदेश के बाद
सचिव पंचायतीराज चंद्रेश कुमार ने अवगत कराया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना (गजटb नोटिफिकेशन) की प्रक्रिया गतिमान है।

उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा वर्तमान में पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश (स्थगन) पारित किया गया है, जिसकी समुचित रूप से अनुपालना की जा रही है।

सचिव पंचायतीराज ने कहा कि आरक्षण नियमावली 2025 की गजट नोटिफिकेशन की प्रति प्रिंटिंग के लिए राजकीय प्रेस रुड़की में गतिमान है, जिसे शीघ्र जारी कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि स्थिति से अवगत कराते हुए उचित न्यायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार न्यायालय की पूर्ण गरिमा एवं निर्देशों का सम्मान करते हुए पंचायतीराज व्यवस्था को संविधान व विधि सम्मत रूप से संचालित करने हेतु प्रतिबद्ध है।

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