उत्तराखंडराजकाज

सीएम धामी ने 112 नवनियुक्त परिवहन आरक्षियों को जारी किेए नियुक्ति पत्र

*मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मियों को आमजन के साथ संवाद और सहयोग  बनाने की नसीहत दी*

*जनता का काम ऑटो मोड पर हो – मुख्यमंत्री*

*युवाओं का व्यवस्था पर पुनः भरोसा कायम किया धामी सरकार ने*

देहरादून।
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में 112 नवचयनित परिवहन आरक्षियों  को नियुक्ति पत्र प्रदान किये| ।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से  दो प्रचार वाहनों को भी रवाना किया  |

*सरकारी नौकरी मात्र नौकरी नहीं बल्कि  सामाजिक उत्तरदायित्व – सीएम धामी*

नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नव चयनित अभ्यर्थियों को  शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि यह सफलता न केवल चयनित युवाओं के परिश्रम, अनुशासन और संकल्प का परिणाम है, बल्कि इसमें उनके परिवारजनों के सहयोग, त्याग और आशीर्वाद की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि परिवहन विभाग में परिवहन आरक्षी का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे यात्री सेवाओं का सुचारू संचालन हो, सड़क सुरक्षा की निगरानी हो, वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया हो या प्रदूषण नियंत्रण हो, प्रत्येक व्यवस्था में इनकी अहम भूमिका  हैं। इसलिए आपकी यह नौकरी मात्र एक सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व भी है।

*भ्रष्टाचार की कार्य संस्कृति को जड़ से खत्म करने का राज्य सरकार का अटल संकल्प*

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनियुक्त परिवहन आरक्षियों से अपेक्षा करता हूँ कि आप न केवल अपने कार्यस्थल पर कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन बनाए रखेंगे, बल्कि आमजन के साथ संवाद और सहयोग की भावना से भी कार्य करेंगे। प्रयास होना चाहिए कि आमजन का कार्य ऑटो मोड पर हो उन्हें अनावश्यक  न भटकना पड़े | सरकार भ्रष्टाचार की कार्य संस्कृति को जड़ से समाप्त करने के लिए संकल्पबद्ध है| टोल फ्री नम्बर 1064 पर भ्रष्टाचार की  शिकायतो की प्रभावी सुनवाई हो रही है |

*दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए  ’’नई उत्तराखण्ड सड़क सुरक्षा नीति 2025’’ लागू*

मुख्यमंत्री  ने कहा कि परिवहन विभाग प्रदेश में सुगम और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि जैसे जैसे राज्य में वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी चिंताजनक बढ़ोत्तरी हुई है। इसलिए राज्य में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हमने फरवरी 2025 में ’’नई उत्तराखण्ड सड़क सुरक्षा नीति 2025’’ लागू की है। इस नीति के अन्तर्गत सभी संबंधित विभागों की जिम्मेदारियां निर्धारित करते हुए वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ हमारे इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के योग्य, परिश्रमी और प्रतिभावान युवाओं को उनकी काबिलियत के आधार पर पारदर्शी तरीके से समान अवसर प्राप्त हों। पारदर्शी तरीके से होने वाली भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। यह पारदर्शिता बेहतर तरीके से उन्हें प्रतियोगिता में उतरने के लिए प्रेरित करती है, हमारी सरकार इसी दिशा में निरंतर काम कर रही है। पूर्व की सरकारों की और से भर्ती प्रक्रियाओं पर लगाये गए कलंक को मिटाने के लिए ही हमने राज्य में देश का सबसे कठोर ’’नकल विरोधी कानून’’ लागू किया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात प्रदेश में सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से सकुशल संपन्न हो रही हैं, इसी का नतीजा है कि हम पिछले 3 वर्षों में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल रहे हैं।

पूर्व की सरकारों में नौकरी में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार चरम पर-

मुख्यमंत्री  ने कहा कि पूर्व की सरकारों में नौकरी में भाई भतीजावाद के साथ ही भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर था। हम प्रदेश में भ्रष्टाचार रूपी इस दीमक को जड़ से समाप्त करने के लिए ’‘ज़ीरो टॉलरेंस’’ की नीति के तहत कार्य कर रहे हैं।  इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त करीब 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया है और हमारा ये अभियान लगातार जारी है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद  नरेश बंसल, विधायक  खजान दास, सचिव  बृजेश कुमार संत, अपर सचिव श्रीमती रीना जोशी सहित परिवहन विभाग के अधिकारी एवं सभी नवचयनित अभ्यर्थी मौजूद रहे |

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